Saturday, February 16, 2013

इंतज़ार

एक चाँद
काटा था
उस रात
तुम्हारे जन्मदिन पर
सोचा
आधा आधा
खायेंगे
रात बीत गयी
तारों ने की
शिकायत
पर तुम
वादा भूल गयी
आ जाओ
एक दिन
पूरी कर दो
हसरत

चाँद
बेचारा
आधा सा
आज भी आधा पड़ा
है
तुम्हारे इंतज़ार में।।। 

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