एक चाँद
काटा था
उस रात
तुम्हारे जन्मदिन पर
सोचा
आधा आधा
खायेंगे
रात बीत गयी
तारों ने की
शिकायत
पर तुम
वादा भूल गयी
आ जाओ
एक दिन
पूरी कर दो
हसरत
चाँद
बेचारा
आधा सा
आज भी आधा पड़ा
है
तुम्हारे इंतज़ार में।।।
काटा था
उस रात
तुम्हारे जन्मदिन पर
सोचा
आधा आधा
खायेंगे
रात बीत गयी
तारों ने की
शिकायत
पर तुम
वादा भूल गयी
आ जाओ
एक दिन
पूरी कर दो
हसरत
चाँद
बेचारा
आधा सा
आज भी आधा पड़ा
है
तुम्हारे इंतज़ार में।।।
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